उसके बाद से वह कहीं नहीं देखी गई।
महिला की पहचान अभी तक ज्ञात नहीं है। यूनिवर्सिटी के स्पोक पर्सन ने दावा किया है कि वह "मानसिक विकार" से पीड़ित है। बहुत सारे एक्टिविस्ट ने उसके साहसिक विरोध की सराहना की है।
तीन दिन पहले, एक युवा ईरानी महिला ने इंटरनेट पर तब तहलका मचा दिया जब उसने तेहरान विश्वविद्यालय परिसर में अपने कपड़े उतार दिए,
ऐसा जाहिर होता है कि उस महिला ने ईरान देश के सख्त ड्रेस कोड का विरोध करने के लिए ऐसा किया हो। तस्वीरों में उसे इस्लामिक आज़ाद विश्वविद्यालय के परिसर में घूमते हुए दिखाया गया, जिसे देख कर लोग आश्चर्य चकित रह गए। इसके तुरंत बाद, सुरक्षा गार्डों ने उसे हिरासत में ले लिया और उसे ले गए। उसका वर्तमान स्थान ज्ञात नहीं है।
दावे
एक ईरानी छात्र सोशल मीडिया चैनल, आमिर कबीर न्यूज़लैटर ने बताया कि महिला ने अपने अंडरवियर उतार दिए, जब अर्धसैनिक बल के सदस्यों ने उसे ड्रेस कोड का ठीक से पालन न करने पर परेशान किया।
एमनेस्टी ने कहा कि ड्रेस कोड के "अपमानजनक प्रवर्तन" का विरोध करने के बाद उसे "हिंसक रूप से गिरफ्तार" किया गया। ईरान की फ़ार्स समाचार एजेंसी ने कहा कि दो सुरक्षा कर्मियों ने उससे "शांति से बात की" और उसे ड्रेस कोड का पालन करने के लिए कहा। विश्वविद्यालय के स्पोक पर्सन ने कहा कि छात्र और सुरक्षा गार्ड के बीच कोई आमना-सामना नहीं हुआ। उन्होंने दावा किया कि महिला अपने सहपाठियों की सहमति के बिना उनका वीडियो बना रही थी और उन्होंने इस पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा कि "छात्रों और प्रोफेसरों की गोपनीयता के उल्लंघन" के कारण सुरक्षा को सतर्क कर दिया गया था।
आखिर यह महिला है कौन?
महिला की पहचान अभी तक ज्ञात नहीं है, जो दृश्य वायरल होने के बाद से नारीवादी प्रतीक के रूप में उभरी है। जबकि सोशल मीडिया पर अधिकांश पोस्ट इस बात पर जोर देते हैं कि उसके कपड़े उतारने का कदम ड्रेस कोड के खिलाफ विरोध का एक रूप था, एक विश्वविद्यालय के प्रवक्ता ने दावा किया है कि पुलिस ने पाया है कि वह "मानसिक विकार" से पीड़ित है और "गंभीर मानसिक दबाव" में थी। प्रवक्ता, आमिर महजॉब ने कहा कि महिला अपने जीवन साथी से अलग हो गई थी और वह दो बच्चों की माँ है।
वह अब कहाँ है?
सोशल मीडिया पर मौजूद तस्वीरों में कुछ लोग महिला को पकड़कर कार में डालते हुए दिखाई दे रहे हैं। यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता की टिप्पणियों से पता चलता है कि उसे पुलिस स्टेशन ले जाया गया था। महिला के ठिकाने के बारे में कोई स्पष्ट जवाब न मिलने के कारण, उसकी सेहत को लेकर आशंकाएँ सामने आई हैं। AFP की रिपोर्ट के अनुसार, आमिर कबीर न्यूज़लैटर ने आरोप लगाया है कि गिरफ़्तारी के दौरान उसे पीटा गया था। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने उसकी तत्काल रिहाई की माँग की और कहा कि अधिकारियों को उसे यातना और अन्य दुर्व्यवहार से बचाना चाहिए। लंदन स्थित अधिकार समूह ने उसके खिलाफ़ हिंसा के आरोपों की स्वतंत्र जाँच की भी माँग की।


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